गोमती नदी का गोपी व विजर्सन घाट सोमवार की सायं डेढ़ लाख दीयों की रोशनी से जगमगा उठा। इस दौरान दीपावली जैसा नजारा दिखा। मौका था अयोध्या धाम मंदिर में भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा का। घाटों को सजाने के साथ देर रात तक आतिशबाजी की गई। घाट पर स्थित मंदिरों को भव्य रूप से झालरों से सजाया गया। लेजर शो का भी कार्यक्रम हुआ। घाट के किनारे सुमधुर भजन संध्या का आयोजन किया गया। नवदुर्गा शिव मंदिर के साथ ही शाही व सद्भावना पुल को आकर्षक झालरों से सजाया गया। दीपों की रोशनी से देररात तक घाट जगमगाते रहे। सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। सोमवार की शाम सूर्यास्त होने के साथ ही गोमती के तट पर प्रज्ज्वलित लाखों दीपों ने आलौकिक छटा बिखेरी। नदी के घाटों पर मानों आकाशगंगा के सितारे उतर आए हों। लेजर लाइट से पूरा क्षेत्र जगमगाता रहा। भव्य महाआरती से देवताओं का स्वागत किया गया। ओलंदगंज से चहारसू चौराहा तक झालरों के प्रकाश में लोग घूमते नजर आए। आरएसएस के आनुसंगिक संगठन के साथ ही कई संगठनों के सहयोग से दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संघ परिवार की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में कई समाजसेवी संगठन भी हिस्सा लिया। दीप जलाने से पहले घाट की सफाई कराई गई। इसमें विभिन्न संगठनों व आसपास के लोगो ने सहयोग किया। नगर के सभी प्रमुख मंदिरों की साफ-सफाई कराने के साथ ही मंदिरों को झालरों से सजाया जाएगा। इस दौरान घाट पर आयोजित भजन संध्या में तृप्ति शाक्या व प्रिया मलिक के भजन नगरी हो अयोध्या सी और राम आएंगे जैसे भक्ति गीतों से देररात तक कार्यक्रम चलते रहे।रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के पावन मौके पर सोमवार को जनपद भी पूरी तरह राममय हो गया। श्रद्धालुओं ने प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान राम की आरती उतारी। इससे पूरा जनपद शंख ध्वनि, पटाखों व डमरू की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। इस दौरान लोगों ने राम मंदिर में राम दरबार का विधिवत दर्शन-पूजन किया तथा अयोध्या में हुए रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम को जनपद के लगभग 200 से अधिक जगहों पर लाइव प्रसारण देखा गया।अयोध्या में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सोमवार को जिलेभर में उत्सव जैसा माहौल रहा। हर किसी की नजर टीवी पर ही रही। दोपहर में 12.29 बजे के विशेष मुहूर्त में पीएम मोदी ने जैसे ही श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा की, जय श्रीराम और हर हर महादेव के उद्घोष से पूरा वातावरण गूंज उठा।जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरति देखी तिन तैसी॥ रामचरित मानस की इस चौपाई जिसका अर्थ है कि आपके मन में भावना जिस तरह की रहती है प्रभु के दर्शन भी उसी रूप में होता है। ऐतिहासिक पल के साक्षी बने लोग अपने अराध्य को देख भाव विह्वल हो गए थे। आंखें नम हो गईं, प्रभु की भक्ति में लोग डूब गए। जगह-जगह भजन कीर्तन, रामायण व सुंदर पाठ का आयोजन किया गया। शाम को मंदिरों के साथ ही घरों में भी लोगों ने घी के दीपक जलाकर पूजा अर्चना कर दीपोत्सव मनाया।