वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली के दूसरी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई तो हर कोई हैरान रह गया। पहले दावा किया गया था कि यह ट्रेन भगवा रंग वाली होगी। उत्तर रेलवे की ओर से ट्रेन के उद्घाटन से एक दिन पहले बुकलेट दिया गया था। इसमें वंदे भारत भगवा और भूरे रंग की दिख रही थी, लेकिन जब ट्रेन का उद्घाटन किया गया तो यह पहली वंदे भारत की तरह ही सफेद और नीले रंग की थी। इसको लेकर चर्चा का बाजार गरमा गया। इसके बाद उत्तर रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हमारी योजना भविष्य में वंदे भारत को भगवा- भूरे रंग में बदलने की है। कोच कारखानों में इसकी प्रक्रिया चल रही है। अधिकारी ने भविष्य की तैयारियों को देखते हुए रेल परिचालन को लेकर जारी किए गए बुकलेट में भगवा- भूरे रंग के वंदे भारत को दर्शाया गया था।भारत की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत को सफेद और नीले रंग में डिजाइन किया गया है। इसकी रैक लगातार इसी रंग में बन रही थी। पिछले दिनों कलर कॉम्बीनेशन में बदलाव किया गया। भगवा- भूरे रंग का वंदे भारत लॉन्च किया गया। इसको लेकर देश में अलग ही राजनीति शुरू हो गई। दरअसल, भाजपा पार्टी के रंग को भगवा से जोड़ती रही है। इसे हिंदुत्व के प्रतीक रंग से भी जोड़कर देखा जाता है। हालांकि, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संबंध में बड़ी बात कही है। उन्होंने मीडिया से बातचीत के क्रम में इस बात से इनकार किया कि वंदे भारत ट्रेन का रंग नारंगी या भगवा होने के पीछे कोई राजनीति है। उन्होंने कहा था कि रंगों का चुनाव पूरी तरह से वैज्ञानिक सोच के आधार पर होता है।रेल मंत्री ने कहा किमनुष्य की आंखों को दो रंग सबसे ज्यादा दिखाई देते हैं - पीला और नारंगी। यूरोप में लगभग 80 फीसदी ट्रेनों का रंग नारंगी या पीले और नारंगी रंग के संयोजन वाला है। इस कारण सेमी हाई स्पीड ट्रेन को इस कलर कॉम्बीनेशन में डिजाइन किया गया है। इससे दूर से इसे देखा जा सकेगा। रेलवे ने केरल में कासरगोड और तिरुवंनतपुरम के बीच 24 सितंबर को भगवा-भूरे रंग की पहली वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत की थी।वाराणसी नई दिल्ली वंदे भारत ट्रेन में सुविधाओं का विकास किया गया है। उत्तर रेलवे ने कहा कि ट्रेन में सूचना और मनोरंजन प्रदान के लिए वाई-फाई, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, आरामदायक व्यवस्था, बायो-वैक्यूम शौचालय, एलईडी लाइट व्यवस्था, हर सीट पर चार्जिंग सुविधा और किताब पढ़ने के लिए रोशनी जैसी बेहतर सुविधाएं हैं। एनआर का दावा है कि ट्रेन में हवा की रोगाणु मुक्त आपूर्ति के साथ ही बेहतर एयर कंडीशनिंग प्रणाली है। इसमें मौसम की परिस्थितियों और यात्रियों की संख्या के अनुसार एयर कंडीशनिंग को कम या ज्यादा करने की भी व्यवस्था है।सोमवार को वाराणसी में ट्रेन को दोपहर बाद दो बजकर 45 मिनट पर रवाना किया गया। हालांकि, यह ट्रेन मंगलवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन सुबह छह बजे वाराणसी से नई दिल्ली रवाना होगी। ट्रेन दोपहर दो बजकर पांच मिनट पर नई दिल्ली पहुंचेगी। 55 मिनट बाद दोपहर तीन बजे वाराणसी रवाना होगी। ट्रेन रात 11 बजकर पांच मिनट पर अपने गंतव्य पर पहुंचेगी।अभी नई दिल्ली और वाराणसी के बीच चलने वाली पहली वंदे भारत ट्रेन सुबह छह बजे दिल्ली से रवाना होती है। दोपहर दो बजे वाराणसी पहुंचती है। यह दोपहर तीन बजे नयी दिल्ली के लिए रवाना होती है और रात 11 बजे गंतव्य पर पहुंचती है। यह मंगलवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलती है।