इस दौरान अपने सत्संग संदेश में पंकज जी महाराज ने ‘यह तन तुमने दुर्लभ पाया। कोटि जन्म भटका जब खाया।’ पंक्तियों को उद्धृत करते हुये कहा करोड़ों जन्मों में भटकने के बाद यह दुर्लभ मनुष्य शरीर मिला है। अब इसको बर्बाद न करें। इसमें रहकर कुछ आत्मधन कमा लें जो अन्त समय में आपके काम आये। यदि आप ने यह काम न किया तो नर्कों, चौरासी की कठोर यातनायें भोगनी पड़ेंगी। आप यह सोच सकते हैं कि जब यह शरीर खत्म हो गया तो किसे सजा मिलेगी। इसी शरीर से मिलती 17 तत्वों की लिंग शरीर में कर्म भुगतायें जाते हैं। खोटे-बुरे कर्मों को करने वाले जीवों को भयानक सजायें मिलती हैं और मिल रही हैं। जीवों के रोने-चिल्लाने की अवाजें लाखों मील तक जाती हैं। कोई बचाने वाला नहीं है।
सहजो बाई ने इस दृश्य का वर्णन करते हुये कहा ‘लौह के खम्भ तपत के माहीं जहां जीव को ले चिपटाहीं।’ लोहे जैसे खम्भे तपकर लाल हो रहे, उसमें जीव चिपकाये जाते हैं। उनकी दर्द भरी आवाज संत महात्मा जब साधना करके ऊपर जाते हैं तो उसे देखकर द्रवित हो जाते हैं और बचाने के लिये समझाते हैं, इसलिये अभी तो सन्तों के हाथ की बात है उनकी शरण ले लें। यदि नहीं तो मत खेलो जुंआ, वरना हार जाओगे। कलियुग में सुमिरन, ध्यान, भजन की तीन क्रियायें सन्तों ने बताया और क्रियाओं को थोथा बताया जिसे गृहस्थ आश्रम में रहकर किया जा सकता है।
उन्होंने सन्त सत्गुरु को सर्वशक्तिमान बताते हुये कहा कि गुरु सब कुछ के दाता हैं। कर्म की रेख पर मेख मार देते हैं। गुरु अर्न्त्यामी हैं। हमारे गुरु महाराज बाबा जयगुरुदेव ने ‘जयगुरुदेव’ नाम को जगा कर सिद्ध कर दिया है। लोक-परलोक दोनों लाभ के साथ यह संकल्प जुड़ा है कि ‘जन-जन की जबान पर जब जयगुरुदेव आयेगा। सच्ची स्वतंत्रता का तब आनन्द पायेगा।’ महाराज जी ने बताया कि बाबा जी ने आगरा-दिल्ली बाईपास मथुरा में विश्व का अद्वितीय जयगुरुदेव मन्दिर बनवाया है जहां एक बुराई चढ़ाने यानी छोड़ने पर एक मनोकामना की पूर्ति होती है। वहीं पर आगामी 28 नवम्बर से 2 दिसम्बर तक पावन वार्षिक भण्डारा सत्संग मेला आयोजित होगा।
इस अवसर पर ऋषिदेव श्रीवास्तव, अरुण वर्मा, अध्यक्ष लालमणि मौर्य, लाल बहादुर यादव, मुन्नू यादव, कैलाश गौड़, अजब यादव, विजय बहादुर यादव, अमित कुमार, सुग्रीव मौर्य, ओम प्रकाश सहित तमाम लोग मौजूद रहे। शान्ति व्यवस्था में पुलिस प्रशासन ने सहयोग किया। कार्यक्रम के बाद जनजागरण यात्रा अगले कार्यक्रम गारोपुर देहजुरी ब्लाक सिकरारा के लिये प्रस्थान कर गई।