देश में ट्रेनों की संख्या यात्रियों की संख्या से बहुत कम है जिससे कन्फर्म टिकट प्राप्त करना बहुत मुश्किल हो जाता है। ऐसे में कई लोग अपना वेटिंग टिकट कैंसिल कर रहे हैं या फिर किसी अन्य कारणों से अपना कन्फर्म टिकट कैंसिल कर रहे हैं। ऐसे में आपको अपने नुकसान को कम करने के लिए IRCTC कैंसिलेशन और रिफंड नियमों को जानना चाहिए।वर्तमान में देश में त्योहारी सीजन के चलते रेलवे में काफी भीड़ हो रही है। त्योहारों में काफी लोगों को कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहा है। नतीजतन लोग अपना वेटिंग टिकट कैंसल करने के लिए मजबूर हैं। वहीं कुछ लोग अपना कन्फर्म टिकट अपने निजी कारणों से कैंसल कर देते हैं।अगर आप अपने वेटिंग टिकट या कन्फर्म टिकट किसी भी कारणों से कैंसिल करवाने का सोच रहे हैं तो उससे पहले आपको आईआरसीटीसी के कैंसिलेशन और रिफंड रूल के बारे में पता होना चाहिए ताकी आपको कम पैसे का नुकसान हो।भारतीय रेलवे में टिकट बुक करने के लिए आधिकारिक ऐप या वेबसाइट IRCTC है या फिर आप रिजर्वेशन काउंटर पर जाकर आप टिकट बुक करवा सकते हैं।आईआरसीटीसी ई-टिकटों के कैंसिल होने पर दो कैटेगरी में रिफंड देता है। पहला 'चार्ट तैयार करने से पहले' और दूसरी 'चार्ट तैयार करने के बाद'। दोनों कैटेगरी में अगल-अगल रिफंड की प्रक्रिया है जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए।यदि कोई कन्फर्म ई-टिकट 48 घंटे के भीतर और ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान समय से 12 घंटे पहले तक रद्द किया जाता है तो शुल्क ई-टिकट किराया का 25 प्रतिशत या कोच के आधार पर काटा जाने वाला शुल्क जो भी अधिक हो, लगेगा।12 घंटे से कम समय और निर्धारित प्रस्थान समय से चार घंटे पहले और चार्ट तैयार होने तक रद्द किए गए टिकटों के लिए, 50 प्रतिशत का शुल्क काटा जाता है।आईआरसीटीसी के नियम के मुताबिक चार्ट तैयार होने के बाद आप कन्फर्म टिकट को कैंसिल नहीं कर सकते। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको कोई रिफंड प्राप्त नहीं होगा।हालांकि आप टीडीआर जरूर फाइल कर सकते हैं। हालांकि टीडीआर फाइल करने के भी अपने कुछ नियम हैं जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए।आगर आपने ऑनलाइन टिकट लिया है और वो कन्फर्म नहीं हुआ है तो आपको टिकट कैंसल करने की जरूरत नहीं है आपका टिकट खुद पर खुद कैंसल हो जाएगा और 60 रुपये और जीएसटी काटकर पूरे पैसे वापस कर दिए जाएंगे चाहे आपने किसी भी क्लास में टिकट लिया हो।